Grah Vastu Dosh Nivaran Poojan
वास्तु दोष महर्षि नारद के अनुसार :- अनेन विधिनां सम्यग्वास्तुपूजां करोति य:। आरोग्यं पुत्रलाभं च धनं धान्यं लभेन्नदर:॥ अर्थात्ï इस विधि से सम्यक प्रकार से जो वास्तु का पूजन करता है, वह आरोग्य, पुत्र, धन, धन्यादि का लाभ प्राप्त करता है। ह प्रवेश के पूर्व वास्तु शांति कराना शुभ होता है। इसके लिए शुभ नक्षत्र वार […]
Navchandi Anushthan And Poojan
Navchandi is a Durga puja done to make wishes come true. By performing the Navchandi yagna, the worshipper gets freedom from sufferings. नवचंडी एक दुर्गा पूजा हैइच्छाओं को साकार करो। नवचंडी यज्ञ करने से साधक को कष्टों से मुक्ति मिलती है। एक लोकप्रिय पौराणिक कहावत है कि केवल दो भगवान हैं जो भक्तों की प्रार्थनाओं […]
Maa Baglamukhi Anushthan and Poojan
एटीएस वन ऑफर महाविद्या (महान .) ज्ञान विज्ञान) देवी बगलामुखी इसमें भक्तों भ्रांति और भ्रम (दुश्मनों के भक्तों के लिए) उसके साथ बगलामुखी आमतौर पर है पीले रंग या सुनहरे रंग से जुड़ी देवी पीतांबरम के रूप में जानी जाती हैं, वह बुला पक्षी पर लिखती हैं जो कि मां बगलामुखी परदा शत्रु अदालत के […]
Mahamrityunjay Jaap And Poojan
महामृत्युंजय मंत्र महामृत्युंजय मंत्र का जप क्यों किया जाता है?शास्त्रों और पुराणों में असाध्य रोगों से मुक्ति और अकाल मृत्यु से बचने के लिए महामृत्युंजय जप करने का विशेष उल्लेख मिलता है।महामृत्युंजय भगवान शिव को खुश करने का मंत्र है। इसके प्रभाव से इंसान मौत के मुंह में जाते-जाते बच जाता है, मरणासन्न रोगी भी […]
Maha Rudrabhishek
भगवान शिव को समर्पित और शनि ग्रह के नकारात्मक प्रभावों से छुटकारा पाने के लिए प्रदर्शन किया। साथ ही इस पूजा के माध्यम से भगवान शिव का आशीर्वाद भी मांगा जाता है। इसके अलावा, श्रावण का महीना प्राचीन हिंदू वैदिक कैलेंडर और हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान शिव को समर्पित है। महा रुद्राभिषेक के […]
Pitra Dosh Nivaran Poojan
पित्र दोष पूजन पित्र दोष पूजन निवारण और इस पूजन से क्या क्या फल यजमान को प्राप्त होता है मुख्यपितृदोष तीन प्रकार का होता है1 त्रिपिंडी का पूजन होता है विष्णु लोक के पितरों के लिए सात्विक पिंड अर्पण करते हैं जो उनको विष्णुलोक में प्राप्त होता है ब्रह्मलोक के पितरों के लिए राजसी पिंडअर्पण […]
Guru Chandal Dosh Nivaran Poojan
क्या है “चाण्डाल योग”? बृहस्पति और राहु जब साथ होते हैं या फिर एक दूसरे को किन्ही भी भावो में बैठ कर देखते हो, तो गुरू चाण्डाल योग निर्माण होता है।चाण्डाल का अर्थ निम्नतर जाति है। कहा गया कि चाण्डाल की छाया भी ब्राह्मण को या गुरू को अशुद्ध कर देती है। गुरु चंडाल योग […]
Kaal Sarp Dosh Nivaran Poojan
क्या है “कालसर्प योग”? सामान्यतः जन्म कुंडली के बाकी सात ग्रह राहु और केतु के मध्य स्थित हो जाते हैं तो उस स्थिति को “कालसर्पयोग” कहते हैं। राहु सर्प का मुख माना गया है और केतु सर्प की पूँछ। काल का अर्थ है मृत्यु यदि अन्य ग्रह योग प्रबल ना हों तो ऐसे जातक की […]
Navgrah Shanti Poojan
कुंडली में ग्रहों की स्थिति के आधार पर की जाने वाली पूजा नवग्रह शांति है। एक पूर्व जन्म के बुरे कर्मों या कर्मों के साथ-साथ ग्रहों की स्थिति (दोष) का प्रभाव व्यक्ति के वित्त और कल्याण पर पड़ता है। हिंदू ज्योतिष में, इन दोषों को मान्यता दी जाती है और ग्रहों के क्रोध को नकारने […]
Kumbh Vivah
अर्क विवाह क्या है? यदि लड़के अथवा लड़की की कुंडली में सप्तम भाव अथवा बारहवां भाव क्रूर ग्रहों से पीडि़त हो अथवा शुक्र, सूर्य, सप्तमेष अथवा द्वादशेष, शनि से आक्रांत हों। अथवा मंगलदोष हो अर्थात वर-कन्या की कुंडली मेें १,२,४,७,८,१२ इन भावों में मंगल हो तो यह वैवाहिक विलंब, बाधा एवं वैवाहिक सुखों में कमी […]